जौनपà¥à¤° और à¤à¤¦à¥‹à¤ˆ दलित नेता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं पहà¥à¤‚चे..?
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Rajeev ChoudharyDate
19-Jun-2020Category
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पिछले कई रोज पहले जौनपà¥à¤° और à¤à¤¦à¥‹à¤ˆ में दलितों पर हमला हà¥à¤† था, दलित बसà¥à¤¤à¥€ में 9 जून को मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हैवानियत का à¤à¤¸à¤¾ खेल खेला गया जिसे देखकर हर कोई हकà¥à¤•à¤¾-बकà¥à¤•à¤¾ रह गया। उनके घरों में आग लगाई गयी, उनके पशॠमवेशी जला दिठउनके घरों में आग लगाई गयी, गरीब दलित à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ के घर à¤à¥€ लà¥à¤Ÿà¥‡ गये।
आग कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लगाई गयी किसने लगाई कितनी राजनीती इस पर हà¥à¤ˆ ये जानने के लिठहम 11 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2016 को गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के उना में चलते है, 11 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2016 को गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के उना में कà¥à¤› दलित यà¥à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को मृत गाय की चमड़ी निकालने की वजह से कà¥à¤› कथित उनà¥à¤®à¤¾à¤¦à¥€ गौ रकà¥à¤·à¤• समिति का सदसà¥à¤¯ बताने वाले लोगों ने सड़क पर पीटा था। दलितों की पिटाई का वीडियो à¤à¥€ जारी किया था। इस घटना पर पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी ने à¤à¥€ निंदा की और कथित गौ रकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ को गà¥à¤‚डे तक बताया था उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जेल à¤à¥€ हà¥à¤ˆ थी जो होनी à¤à¥€ चाहिठथी।
इस घटना को लेकर दलित नेता जिगà¥à¤¨à¥‡à¤¶ मेवाणी ने आंदोलन किया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दलितों के साथ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ सहयोग मिला। समसà¥à¤¤ दलित नेता मैदान में आये हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® को कोसा गया और उनके बौदà¥à¤§ बन जाने तक मामला चलता रहा। इसके बाद à¤à¤• दूसरा मामला उठा खबर आई कि फरीदाबाद के सà¥à¤¨à¤ªà¥‡à¥œ गांव में à¤à¤• दलित परिवार को जिंदा जला दिया गया। इस घटना में दो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की मौत हो गई थी और कई लोग गंà¤à¥€à¤° रूप से जखà¥à¤®à¥€ हà¥à¤ थे। इस मामले को लेकर à¤à¥€ देश à¤à¤° समसà¥à¤¤ दलित नेता मैदान में आये लेकिन जैसे ही सà¥à¤¨à¤ªà¥‡à¥œ मामले की जाà¤à¤š हà¥à¤ˆ तो पाया उकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने खà¥à¤¦ ही अपने घर में आग लगाई थी। लेकिन तब तक हमारे दलित समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के मन में ये लोग जहर घोल चà¥à¤•à¥‡ थे आपकी यादासà¥à¤¤ के लिठबता दे कि राहà¥à¤² गाà¤à¤§à¥€ जी वहां पहà¥à¤‚चे थे।
अब ताजा हालात पर बात करते है जो लोग खà¥à¤¦ को दलित कहते है उनके लिठयह बात समठलेनी बेहद जरà¥à¤°à¥€ है कि उनके खिलाफ कैसे कà¥à¤› लोग षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° रच रहे है और वह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने नेता शà¥à¤à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤• समà¤à¤¨à¥‡ की à¤à¥‚ल कर रहे है। जिन वीर जातियों को मà¥à¤—लकाल में दलित बनाया गया आज आंबेडकर जी का नाम लेकर आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जोगेंदर नाथ मंडल सिरà¥à¤« उनका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कर रहे है।
हरियाणा का सà¥à¤¨à¤ªà¥‡à¥œ हो या गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ का ऊना दोनों मामलों को लेकर अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर शोर मचाया गया, हम कहते है शोर मचाना गलत नहीं है हिंसा अपराध कहीं à¤à¥€ हो या जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ हो शोर मचाना चाहिठलेकिन सवाल à¤à¤• तरफा शोर के षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° से है।
आज बड़ी हैरत की बात यह है कि खà¥à¤¦ को धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· कहने वाली राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, सामजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ जाने-मानी शखà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤à¥‡à¤‚ और यहां तक कि दलित चिंतक का तमगा लिठलोगों ने à¤à¥€ जौनपà¥à¤° à¤à¤¦à¥‹à¤ˆ मामले पर रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ ओॠली है, à¤à¥€à¤® आरà¥à¤®à¥€ के चीफ चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र ने तो हद कर दी, à¤à¥€à¤® आरà¥à¤®à¥€ को दलितों की चिंता के बजाय वहां के दंगाई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की चिंता सताने लगी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि योगी जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जब कारवाही की तो इसके पीछे यूपी सरकार की मंशा पर ही सवाल उठा दिया। दलित अब खà¥à¤¦ सोचे कि ये दलित चिनà¥à¤¤à¤• है या मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® चिनà¥à¤¤à¤•?
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ महासचिव पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का गांधी और अखिलेश यादव से लेकर कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ वामपंथी नेता सीताराम येचà¥à¤°à¥€, हैदराबाद के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® जय मीम नेता असदà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ ओवेसी, जिगà¥à¤¨à¥‡à¤¶ मेवाणी, उमर अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾,दलित नेता पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ अंबेडकर, दिलीप मंडल और चंदà¥à¤°à¤à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ ने इस बेहद à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ घटना पर मौन साध रखा है, हाठमायावती जी ने दलितों पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° के मामलों में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आरोपियों पर तà¥à¤°à¤‚त कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ के लिठयोगी सरकार की सराहना जरूर की है।
à¤à¥€à¤® आरà¥à¤®à¥€ के चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र आजाद को आपने सीà¤à¤ के खिलाफ जामा मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ और जामिया जाकर पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ हà¥à¤¡à¤¦à¤‚ग मचाते देखा होगा लेकिन जौनपà¥à¤° की घटना पर उनके घर तक जाना मà¥à¤¨à¤¾à¤¸à¤¿à¤« नहीं समà¤à¤¾ बलà¥à¤•à¤¿ लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤‚ दंगाइयों पर कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ करने वाली सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं। इसी तरह पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का गांधी ने सोनà¤à¤¦à¥à¤° में 10 आदिवासियों की हतà¥à¤¯à¤¾ पर 26 घंटे का धरना दिया था, लेकिन इस बार उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया।
यह पहली बार नहीं है, जब दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की हिंसा का शिकार बने हैं। मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के खंडवा में सोशल मीडिया पर डाली गई आपतà¥à¤¤à¤¿à¤œà¤¨à¤• पोसà¥à¤Ÿ का विरोध करने पर राजेश माली की पीट-पीटकर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई. हतà¥à¤¯à¤¾ करने वाले सà¤à¥€ आरोपी मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से तालà¥à¤²à¥à¤• रखते हैं. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बेरहमी से पीटा बचाने की कोशिश करने पर उनकी बहन शीला और चाचा पर à¤à¥€ हमला किया। लेकिन सà¤à¥€ लिबरल, सेकà¥à¤²à¤° जय à¤à¥€à¤® जय मीम वाले गायब हो गये। उसके परिवार के लिठन बामसेफ की मीना आमखेड़े की आवाज निकली न वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤® को सà¥à¤¨à¤¾, न राखी रावण की दहाड़ सà¥à¤¨à¥€ और न चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र रावण का à¤à¤¾à¤·à¤£!
पिछले साल à¤à¥€ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सागर में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों ने धनपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ अहिरवार की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी थी। à¤à¤• à¤à¥€à¥œ ने घर में घà¥à¤¸à¤•à¤° धनपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ अहिरवार को आग लगा दी थी, जिसके कारण उनकी मौत हो गयी. मà¥à¤œà¥à¤œà¤«à¤°à¤¨à¤—र के दंगों में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ के कारण दलितों को अपने घर छोड़कर अपनी जान बचाने के लिठà¤à¤¾à¤—ना पड़ा। तब न उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचाने मायावती आईं, न दलित-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ का समरà¥à¤¥à¤¨ करने वाला कोई नेता आया।
जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इतिहास उठाने की जरूरत नहीं है आज मेवात की मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आबादी धीरे-धीरे दलितों के शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ घाट पर कबà¥à¤œà¤¾ कर रही है। साथ ही सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कराठगठउनके पà¥à¤²à¥‰à¤Ÿ à¤à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ विशेष के लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ धीरे-धीरे हड़पे जा रहे हैं। वहीं, मारपीट, उधारी का पैसा माà¤à¤—ने पर हमले की घटनाà¤à¤ तो मानो बेहद सामानà¥à¤¯ हो गई हैं। पूरà¥à¤µ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ पवन कà¥à¤®à¤¾à¤° की जांच रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मेवात में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• दलितों पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° इतना à¤à¥€à¤·à¤£ है कि जिले के करीब 500 गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में से 103 गाà¤à¤µ à¤à¤¸à¥‡ हैं जो हिनà¥à¤¦à¥‚ विहीन हो चà¥à¤•à¥‡ हैं। 84 गाà¤à¤µ à¤à¤¸à¥‡ हैं, जहाठअब केवल 4 या 5 हिंदू परिवार ही शेष हैं।
मेवात के हालात पर सब मौन है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दलितों की आवाज उठाने के लिठनहीं बलà¥à¤•à¤¿ जैसे कथित बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤µà¤¾à¤¦, मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ को कोसने, हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को गाली देने के लिठफंड मिल रहा हो? जब देश à¤à¤° में सीà¤à¤ विरोधी पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करवाठजा रहे थे, तब खà¥à¤¦ को दलितों का नेता कहने वाला चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र खूब सà¥à¤°à¥à¤–ियों में आया था। खà¥à¤¦ को बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों का उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ बताने वाले इन नेताओं ने दशकों तक बाबा साहब के विचारों के साथ धोखा किया और आज दलितों को à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ दलदल में धकेलने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जा रहा है, जहाठउनकी जिंदगी और मौत का फैसला मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोग करेंगे?
दलित समाज को अब यह समठजाना चाहिठकि ये नेता अपनी राजनीति के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किस दलदल में धकेल रहे हैं। दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ के नाम पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¥‡ बंद अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ कमरे में धकेला जा रहा है, जहाठउनकी जिंदगी चंद ‘शांतिपà¥à¤°à¤¿à¤¯’ गà¥à¤‚डों के रहमो करम पर टिकी होगी। बाबा साहब ने इस समसà¥à¤¯à¤¾ को आजादी से पहले ही पहचान लिया था। अपनी किताब “पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¤‚ड द पारà¥à¤Ÿà¥€à¤¶à¤¨ आफ इंडिया में डॉ. आंबेडकर जी साफ़ लिख दिया था मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ मानवमातà¥à¤° के à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं करते। इसà¥à¤²à¤¾à¤® में à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त मानव जाति के à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ से नहीं है। यह मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ तक सीमित à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¤¾ है। समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के बाहर वालों के लिठउनके पास दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥€ नफरत व तिरसà¥à¤•à¤¾à¤° के सिवाय कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है।
अà¤à¥€ à¤à¥€ वकà¥à¤¤ है कि समाज विरोधी ताकतों के इस षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° को समà¤à¥‡à¤‚। ये समाज में विघटन खड़ा करना चाहती हैं। बाबा साहब के सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करें उनकी लिखी किताबें पà¥à¥‡ वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤® राखी रावण जिगà¥à¤¨à¥‡à¤¶ मेवनी मीना आमखेड़े जैसे आसà¥à¤¤à¥€à¤¨ के साà¤à¤ªà¥‹à¤‚ से बचे जो आंबेडकर जी का नाम लेकर दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ का ढोंग कर अपनी राजनीती कर रहे है। जबकि बाबा साहेब कà¤à¥€ à¤à¥€ दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ के पकà¥à¤·à¤§à¤° नहीं रहे।
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